बालाघाट, एजेंसी । आश्वासन नहीं आदेश पर हड़ताल खत्म करने की बात कहने वाले पटवारियों ने 29 सितंबर को शासन की कार्रवाई की सख्ती के बाद प्रदेश में चली आ रही हड़ताल को खत्म कर दिया है। एक माह बाद पटवारी 29 सितंबर से अपने काम पर लौट गए है। हालांकि पटवारी संघ जिलाध्यक्ष अरूण बिरनवार का कहना है कि हम सभी पटवारी प्रांतीय निर्देश पर मुख्यमंत्री के आश्वासन और किसानों के हितो को ध्यान में रखकर, अपनी हड़ताल को खत्म किये है। विगत 28 अगस्त से ग्रेड-पे, समयमान, पदोन्नति, वेतनमान और आवश्यक संसाधनों की मांग को लेकर हड़ताल पर बैठे पटवारियो के गत दिवस तक तेवर बड़े तीखे थे लेकिन 29 सितंबर को पटवारियों के तेवरो में नर्म नजर आए। पटवारी संघ जिलाध्यक्ष अरूण बिरनवार ने बताया कि सरकार ने एग्रीटेक भत्ता को राजस्व भत्ते में मर्ज कर दिया है और समयमान और ग्रेड-पे की फाईलें प्रक्रिया में है। हमें पूरी उम्मीद है कि सरकार, पटवारियों की मांगों को पूरा करेगी। राजस्व मंत्री ने हमें आश्वस्त किया है और उन्हीं ने हमारी हड़ताल खत्म कराई है। जिसके बाद हम सभी पटवारियों ने बैठक लेकर निर्णय लिया कि मुख्यमंत्री के आश्वासन और किसानों के हित में हड़ताल को खत्म कर वापस काम पर लौट आए ।
अपनी मांगो को लेकर एक माह से हड़ताल पर बैठे पटवारियों की सरकार के आश्वासन पर हड़ताल खत्म होने के बाद पटवारी संघ जिलाध्यक्ष अरूण बिरनवार ने संघ अध्यक्ष कके पद से इस्तीफा दे दिया। बताया जाता है कि पटवारियों की हड़ताल के बावजूद मांगे पूरी नहीं होने पर अध्यक्ष अरूण बिरनवार ने नैतिकता के आधार पर अध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा दे दिया। हालांकि उनका कहना है कि आगामी समय में अध्यक्ष पद के चुनाव होने है, जिसके कारण कार्यकाल समाप्त होने पर उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया लेकिन जब जल्द चुनाव होने और कार्यभार सौंपना ही है तो वह चुनाव तक इंतजार कर सकते थे लेकिन हड़ताल समाप्ति की घोषणा के बाद उनके स्तीफे ने चर्चा को जन्म दे दिया है।