छठवें दिन – माँ कात्यायनी का पूजन:-
नवरात्रि के छठवें दिन अमोघ फलदायिनी माँ कात्यायनी की भक्ति और उपासना द्वारा मनुष्य को बड़ी सरलता से अर्थ, धर्म, काम, मोक्ष चारों फलों की प्राप्ति हो जाती है। माँ कात्यायनी को ज्ञान,शक्ति एवं बुद्धि की देवी माना जाता है।
महर्षि कात्यायन ने भगवती जगदम्बा की कई वर्षों तक कठिन तपस्या की थी जिससे प्रसन्न होकर जगदम्बा ने कात्यायन ऋषि की इच्छानुसार उनके यहां पुत्री के रूप में जन्म लिया, कात्यायनी कहलाई बाद में इन्होनें महिषासुर का वध किया।
माँ को लाल रंग का गुलाब एवं शहद का भोग प्रिय है।
बीज मंत्र -‘ॐ ह्रीं नम:।
प्रार्थना – या देवी सर्वभूतेषु माँ कात्यायनी रूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: ।।
प्रस्तुति:- नीरजा वाजपेयी