प्रथम – माँ शैल पुत्री :-
प्रथम दिवस माँ शैल पुत्री की आराधना की जाती है। माँ की आराधना से मूलाधार चक्र जाग्रत हो जाता है और साधक को सभी प्रकार की सिद्धियां स्वतः प्राप्त हो जाती हैं। माँ को पीला रंग प्रिय है ।माँ का वाहन वृषभ है , माँ को दूध एवं गाय के घी से बना सफेद रंग का मीठा भोग एवम गुड़हल (जासौन)का फूल अति प्रिय है।
बीजमंत्र – ह्रीं शिवायै नमः।
स्तुति – या देवी सर्वभूतेषु माँ शैलपुत्री रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै , नमस्तस्यै , नमस्तस्यै , नमो – नमः।।
प्रस्तुति :- नीरजा वाजपेयी