यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) का तीन दशक से अधिक पुराना सशस्त्र संघर्ष खत्म हो गया है। गृहमंत्री अमित शाह और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा की मौजूदगी में उल्फा के प्रतिनिधियों ने त्रिपक्षीय शांति समझौते पर हस्ताक्षर कर दिया। अमित शाह ने इसे असम के भविष्य के लिए सुनहरा दिन करार दिया है। इसके साथ ही शांति समझौते के बाद 8200 लोगों ने हथियार छोड़ा दिया। यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) का तीन दशक से अधिक पुराना सशस्त्र संघर्ष खत्म हो गया है। गृहमंत्री अमित शाह और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा की मौजूदगी में उल्फा के प्रतिनिधियों ने त्रिपक्षीय शांति समझौते पर हस्ताक्षर कर दिया। अमित शाह ने इसे असम के भविष्य के लिए सुनहरा दिन करार दिया है। शाह के अनुसार उल्फा के साथ शांति समझौते के साथ ही असम में सभी सशस्त्र संघर्ष करने वाले गुट हथियार डालकर मुख्य धारा में लौट आए हैं। अमित शाह ने कहा कि शांति समझौते के बाद उल्फा के 700 सशस्त्र कैडर हथियार डालकर मुख्य धारा में लौट जाएंगे। इसके पहले बोडो, आदिवासी, कार्बी और दीमासा उग्रवादी गुटों के साथ समझौता हो चुका है, जिसमें 7500 से अधिक सशस्त्र कैडर मुख्य धारा में लौट चुके हैं।
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