राकेश और प्रहलाद दोनों दूर कर सकते हैं अंचल का पिछड़ापन : संपतिया का चयन भी उत्साहवर्धक
जबलपुर (सिटी आगे बढ़ा सकती है । डेस्क) । म.प्र. मंत्रीमंडल का बहुप्रतीक्षित गठन हो गया। लंबे इंतजार के बाद जबलपुर को राकेश सिंह जैसा कद्दावर मंत्री मिलने से न सिर्फ भाजपा अपितु आम जनता में भी हर्ष व्याप्त है। बतौर सांसद उनके पास 20 साल का जो अनुभव है उसकी वजह से वे जबलपुर के साथ ही आसपास के इलाकों की जरूरतों और विकास की संभावनाओं से बखूबी परिचित हैं । अभी तक वे केंद्र सरकार की योजनाओं को लागू करने हेतु प्रयासरत रहते थे किंतु अब प्रदेश शासन के कैबिनेट मंत्री के तौर पर विकास संबंधी कार्यों को गति देने में ज्यादा प्रभावशाली तरीके से कार्य कर सकेंगे। हालांकि उनके पास कौन से विभाग होंगे ये अभी तक पता नहीं चला है किंतु दो दशक तक लोकसभा सदस्य रहने के कारण उन्हें केंद्र सरकार की कार्यप्रणाली का भी पर्याप्त अनुभव है जो राज्य के मंत्री के रूप में अपने दायित्व का निर्वहन करने में सहायक बनेगा। ये सौभाग्य का विषय है कि नरसिंहपुर से विधायक चुने गए प्रहलाद सिंह पटेल भी प्रदेश मंत्रीमंडल में शामिल हुए हैं। उनका निवास भी नगर में ही है और जबलपुर के प्रति उनका लगाव भी जगजाहिर है। उनकी शिक्षा भी रादुविवि में ही हुई है। उस कारण यहां उनका बहुत बड़ा समर्थक वर्ग है। इस तरह जबलपुर को सही मायनों में दो मंत्री मिले जिनको वरिष्टता क्रम में काफी ऊपर रखा गया है। ये दोहरी उपलब्धि शहर को विकास की राह पर तेजी से जबलपुर के अलावा समूचे महाकोशल को इन दोनों मंत्रियों से काफी उम्मीदें हैं। राकेश सिंह जहां भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहने के कारण पूरे अंचल से परिचित हैं वहीं श्री पटेल का पुरानी सिवनी लोकसभा के अलावा छिंदवाड़ा, बालाघाट और दमोह संसदीय क्षेत्र में जमीनी संपर्क होने से वे पूरे क्षेत्र से सुपरिचित हैं । इस प्रकार महाकोशल को लंबी प्रतीक्षा के बाद राज्य सरकार में वजनदार प्रतिनिधित्व मिला है। इसके साथ ही मंडला के आदिवासी अंचल से संपतिया उइके का चयन भी उत्साहित करने वाला है।