बाबा काल भैरव की जयंती आज, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

बाबा काल भैरव की जयंती आज, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
बाबा काल भैरव की जयंती आज, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि बाबा काल भैरव को समर्पित है। इस दिन काल भैरव की पूजा की जाती है, लेकिन मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का खास महत्व है, क्योंकि इस दिन भगवान काल भैरव का अवतरण हुआ था। धार्मिक ग्रंथों में काल भैरव भगवान को शिव जी का रौद्र स्वरूप बताया गया है। इन्हें काशी का कोतवाल भी कहा जाता है। अपने भक्तों के लिए बाबा भैरव दयालु, कल्याण करने वाले और शीघ्र ही प्रसन्न होने वाले देव माने जाते हैं। वहीं अनैतिक कार्य करने वालों के लिए ये दंडनायक हैं। काल भैरव जयंती के दिन बाबा काल भैरव जी की विधि विधान के साथ पूजा की जाती है। ऐसे में आइए जानते हैं काल भैरव जयंती की पूजा का मुहूर्त और महत्व…

काल भैरव जयंती 2023 तिथि व मुहूर्त
पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 4 दिसंबर 2023 दिन सोमवार रात 9 बजकर 59 मिनट पर शुरू हो रही है। इसका समापन 6 दिसंबर 2023 दिन बुधवार को रात में 12 बजकर 37 मिनट पर होगा। हिंदू धर्म में किसी भी व्रत, पूजा एवं अनुष्ठान के लिए उदया तिथि को उत्तम माना जाता है। ऐसे में बाबा काल भैरव की जयंती 5 दिसंबर 2023 दिन मंगलवार को मनाई जाएगी।

काल भैरव जयंती 2023 पूजा मुहूर्त
दिन में पूजा का समय – 5 दिसंबर 2023 दिन मंगलवार की सुबह 10 बजकर 53 मिनट से दोपहर 1 बजकर 29 मिनट तक।
रात में पूजा का समय –  5 दिसंबर 2023 दिन मंगलवार की रात 11 बजकर 44 मिनट से रात 12 बजकर 39 मिनट तक।

बाबा भैरव की पूजा विधि

 

  • काल भैरव जयंती के दिन प्रातः स्नान आदि करने के पश्चात व्रत का संकल्प लें।
  • काल भैरव भगवान का पूजन रात्रि में करने का विधान है।
  • इस दिन शाम को किसी मंदिर में जाएं और भगवान भैरव की प्रतिमा के सामने चौमुखा दीपक जलाएं।
  • अब फूल, इमरती, जलेबी, उड़द, पान, नारियल आदि चीजें अर्पित करें।
  • फिर वहीं आसन पर बैठकर कालभैरव भगवान का चालीसा पढ़ें।
  • पूजन पूर्ण होने के बाद आरती करें और जानें-अनजाने हुई गलतियों के लिए क्षमा मांगे।

काल भैरव की पूजा का महत्व
बाबा काल भैरव की पूजा करने से भय से मुक्ति प्राप्त होती है। कहते हैं कि अच्छे कर्म करने वालों पर काल भैरव मेहरबान रहते हैं, लेकिन जो अनैतिक कार्य करता है वह उनके प्रकोप से बच नहीं पाता है। शास्त्रों में काल भैरव का वाहन कुत्ता माना गया है। ऐसे में यदि आप काल भैरव को प्रसन्न करना चाहते हैं तो इनकी जयंती के दिन काले कुत्ते को भोजन खिलाएं।