मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की नगरी अयोध्या के कायाकल्प में धर्मनगरी काशी भी भूमिका निभा रही है। धर्मार्थ कार्य निदेशालय के जरिये मंदिर के आसपास होने वाले विकास कार्य और परिक्रमा पथ के लिए वाराणसी से ही बजट जारी हो रहा है। पिछले तीन साल में 100 करोड़ रुपये से ज्यादा का बजट धर्मार्थ कार्य निदेशालय के माध्यम से जारी किया गया है।
अयोध्या में निर्माणाधीन भगवान राम के भव्य मंदिर का निर्माण राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से कराया जा रहा है। इसके साथ ही राम मंदिर से जुड़े अन्य मंदिरों और परिक्रमा पथ का कायाकल्प धर्मार्थ कार्य विभाग की ओर से कराया जा रहा है। विभाग की ओर से राम नगरी में सुग्रीव किला से श्रीराम जन्मभूमि मंदिर मार्ग, जन्मभूमि पथ मात्र 570 मीटर लंबा है। यह दो लेन और 15 मीटर चौड़ाई में बन रहा है। इस पर बिजली के तारों को भूमिगत करने के लिए यूटिलिटी डक्ट, स्टाॅर्म वाटर नाला, स्टोन बेंच और पोल व स्ट्रीट लाइट के काम शामिल हैं। धर्मार्थ कार्य विभाग के इस काम की लागत करीब 40 करोड़ रुपये है। अयोध्या में कई मंदिरों और आसपास के क्षेत्रों को श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विकसित किया जा रहा है। दरअसल, वाराणसी के मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा के पास ही धर्मार्थ कार्य विभाग के निदेशक का भी प्रभार है। शासन से धर्मार्थ कार्य विभाग को बजट जारी होता है और फिर से यहां से अयोध्या में चल रही परियोजनाओं के लिए दिया जाता है। यहां बता दें कि वर्ष 2020 में धर्मार्थ कार्य निदेशालय का गठन किया गया था और इसका मुख्यालय काशी में ही बनाया गया है। ऐसे में प्रदेश भर में धर्मार्थ कार्य निदेशालय के कामों का बजट काशी से ही जारी किया जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की निगरानी और मार्गदर्शन में अयोध्या में विकास कार्य जारी है। शासन से अयोध्या के लिए निदेशालय को जो बजट मिलता है, उसे जारी कर दिया जाता है।