195 दिन से प्रतिबंध जारी; पुलिस ने कहा- अफवाहों को रोकने के लिए निर्णय लिया गया
इंफाल, एजेंसी । मणिपुर सरकार ने राज्य में एक बार इंटरनेट बैन 18 नवंबर तक बढ़ा दिया है। इससे पहले 13 नवंबर तक बढ़ाया गया था। 3 मई से भड़की जातीय हिंसा के बाद 195 दिन पहले इंटरनेट पर प्रतिबंध लगाया गया था। तब से हर पांच दिन बाद प्रतिबंध बढ़ाया जा रहा है। मणिपुर कमिश्नर (होम) ने कहा कि असामाजिक तत्व जनता की भावनाएं भड़काने वाली तस्वीरें, नफरत भरे भाषण और नफरत भरे वीडियो न शेयर करें। इसके अलावा अफवाहें न फैलाई जाएं। इसी वजह से इंटरनेट पर रोक लगाई गई है। राज्य में 3 मई से जारी हिंसा में अब तक 187 लोगों की मौत हो चुकी हैं। वहीं 1 हजार से ज्यादा लोग घायल हुए। 5 जिलों में दो समुदायों के बीच गोलीबारी की खबरें : पुलिस का कहना है कि विष्णुपुर चुराचांदपुर, इंफाल पूर्व सहित पांच जिलों में दो समुदायों के बीच गोलीबारी की खबरें आई हैं। ऐसे में आशंका है कि कुछ असामाजिक तत्व जनता की भावनाएं भड़काने की कोशिश कर सकते हैं। कुछ लोग नफरत भरे भाषण और नफरत भरे वीडियो शेयर करके हिंसा फैला सकते हैं। इसी वजह से इंटरनेट बैन 5 दिन के लिए और बढ़ाया गया
है। राज्य में स्थिति काफी हद तक सामान्य होने के बाद 23 सितंबर को इंटरनेट प्रतिबंध हटा दिया गया था, लेकिन दो लापता छात्रों के शवों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद सैकड़ों छात्रों की सुरक्षा बलों के साथ झड़प हुई थी। इसके बाद 26 सितंबर को इसे फिर से लागू करना पड़ा। वहीं, मणिपुर पुलिस के ठठ्ठल जोगेशचंद्र हाओबिजाम के नेतृत्व में 11 ढुक्ककर्मियों और 7 कमांडो की टीम ने बॉर्डर एरिया से 40 म्यांमारी घुसपैठियों को गिरफ्तार किया है। इधर, मोरेह स्थित इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट पर अज्ञात लोगों की अंधाधुंध फायरिंग के बाद म्यांमार ने इंडो-म्यांमार बॉर्डर को सील कर दिया है। गेट नंबर-1 और गेट नंबर-2 को बंद किया गया है, जो मोरेह को म्यांमार के सैगंग राज्य के नामफालोंग जिले से जोड़ते हैं। दरअसल, 5 नवंबर को आईसीपी पर हमला हुआ था, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई है।