राजेंद्र भारती का होगा नरोत्तम से मुकाबला
दतिया, एजेंसी। मध्य प्रदेश के दतिया जिले से आखिरकार कांग्रेस पार्टी ने अपने पूर्व से घोषित उम्मीदवार अवधेश नायक का टिकट काटकर राजेंद्र भारती को उम्मीदवार घोषित किया है देर रात कांग्रेस पार्टी द्वारा जारी की गई दूसरी सूची में दतिया का उम्मीदवार बदल गया है। अवधेश नायक के खिलाफ कांग्रेस कार्यकर्ताओं में उपजा असंतोष उन पर भारी पड़ा है और राजेंद्र भारती अंतिम दौर में टिकट पाने में कामयाब रहे। मध्य प्रदेश में कांग्रेस उम्मीदवारों की पहली सूची आने के बाद हाई प्रोफाइल दतिया सीट से अवधेश नायक को प्रत्याशी बनाए जाने के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनके खिलाफ मोर्चा को लिया था और कार्यकर्ता उम्मीदवार बदलने की जिद पर उतर आए थे और जमकर विरोध दर्ज कराया था।
कांग्रेस ने राजेंद्र भारती को बनाया दतिया से उम्मीदवार
भारतीय जनता पार्टी छोड़कर कांग्रेस का दामन थामने वाले अवधेश नायक को उम्मीदवार बनाए जाने के बाद ही बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था दतिया के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने कमलनाथ के नाम खुला पत्र लिखा था और उसमें कहा था कि अवधेश नायक को पार्टी ने उम्मीदवार बनाकर स्थानीय कार्यकर्ताओं की भावनाओं को गहरी चोट पहुंचाई है। कांग्रेस की जारी पहली सूची में घोषित किये गए अवधेश नायक, संगठन में विरोध होने पर नायक का टिकिट काटने पर देर रात हुई बैठक में राजेन्द्र भारती के नाम पर सहमति बनी। इस वजह से पूर्व घोषित प्रत्याशी अवधेश नायक का टिकिट काट दिया गया है।
गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा का गढ़ है दतिया
दतिया विधानसभा सीट गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा का गढ़ है यह विधानसभा सीट हाई प्रोफाइल सीट मानी जाती है। 6 अगस्त 2023 को, आरएसएस विचारधारा के पथप्रदर्शक ने अपने वैचारिक मतभेदों को भुला भोपाल में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं दिग्विजय सिंह और कमल नाथ की उपस्थिति में कांग्रेस में शामिल हो गए। तभी । माना जा रहा था कि पार्टी उन्हें नरोत्तम मिश्रा खिलाफ उतरेगी और आखिरकार पार्टी ने उनका टिकट दे ही दिया इसके बाद अब पार्टी में भी असंतोष देखने को मिल रहा था और यह विरोध प्रदर्शन जब लगातार बढ़ा तो पार्टी को अपने फैसले पर दोबारा विचार करना पड़ा और अवधेश नायक का टिकट काटकर राजेंद्र भारती की मैदान में उतारा गया है। दतिया उन 66 सीटों में से एक है, जहाँ कांग्रेस पार्टी पिछले तीन चुनावों में नहीं जीत पाई है। उन कमजोर सीटों पर पार्टी की स्थिति मजबूत करने के लिए नाथ ने अपने मित्र और सबसे लंबे समय तक एमपी के कांग्रेस मुख्यमंत्री रहे दिग्विजय सिंह को जिम्मेदारी सौंपी थी चार महीने के दौरे में, सिंह ने सभी सीटों पर विभिन्न जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं से मुलाकात की और पिछले महीने नाथ को रिपोर्ट सौंपी थी इसके बाद अवधेश नायक को मैदान में उतारने का फैसला लिया गया था लेकिन मूल कार्यकर्ताओं की अनदेखी कांग्रेस पार्टी को भारी पड़ी और विरोध प्रदर्शन भी झेलना पड़ा।