हर व्यक्ति का व्यक्तित्व अलग है। उसके स्वभाव के अलावा शरीर के अंगों के आकार से व्यक्तित्व की जानकारी आसानी से निकाली जा सकती है।
हर व्यक्ति दूसरे व्यक्ति से स्वभाव और व्यक्तित्व में पूरी तरह से अलग है। व्यक्ति किस तरह का इंसान है यह सब कुछ आसानी से उसके स्वभाव को देखकर पता लगाया जाता है। स्वभाव के अलावा शास्त्रों में ऐसे कई तरीके बताए गए हैं, जिनके जरिए व्यक्ति के बारे में सब कुछ आसानी से पता लग जाता है।
जिस तरह से व्यक्ति का स्वभाव उसे अच्छा और बुरा बनता है ठीक उसे तरह से शरीर के अंग भी बहुत कुछ बताते हैं। शरीर के अंगों की बनावट देखकर किसी भी व्यक्ति के बारे में बहुत कुछ पता किया जा सकता है। व्यक्ति की आंख, नाक, कान, होंठ सब कुछ उसके बारे में कई तरह को बातें बताते हैं।
आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन किसी भी व्यक्ति के हाथ और पैर की उंगलियां भी उसके बारे में महत्वपूर्ण संकेत देती है। हाथ और पैर की उंगलियों के आकार और लंबाई के आधार पर किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व के बारे में पता किया जा सकता है। चलिए आज पैरों की छोटी उंगली से व्यक्तित्व जानते हैं।
दाईं उंगली
कुछ लोगों के दाएं पैर की सबसे छोटी उंगली अगर जमीन को स्पर्श नहीं करती है और ऊंची रहती है। तो इस तरह के लोग जिंदगी में काफी धोखे खाते हैं। ये आसानी से लोगों पर विश्वास कर लेते हैं लेकिन लोग इनका फायदा उठाते हैं। इस तरह के पुरुषों को अक्सर धोखेबाजी का सामना करना पड़ता है।
जिन महिलाओं की उंगली जमीन से ऊपर होती है, उनके साथ भी बार-बार धोखेबाजी होती है। यह हमेशा सबका साथ देती है। ये कभी किसी की मदद करने से पीछे नहीं हटती लेकिन जब इनका बुरा समय आता है तो लोग इन्हें छोड़ देते हैं।
स्थिर उंगली
कुछ लोगों के पैर की छोटी उंगली बिल्कुल भी हिलती डुलती नहीं है, वो उसे घूमा नहीं पाते हैं। इस तरह के लोग बहुत ही निष्ठावान होते हैं। ये ईमानदारी से अपना हर काम करते हैं और भविष्य को लेकर कोई भी निर्णय सोच समझ कर लेते हैं। दूसरों की मदद करने से यह कभी पीछे नहीं हटते। इन्हें घूमने फिरना पसंद होता है और यह एडवेंचर के शौकीन होते हैं। यह अक्षर ऐसे स्थानों की तलाश करते हैं जहां इन्हें एडवेंचर का आनंद लेने को मिल सके।
कनिष्ठा पर तिल
कुछ लोगों के पैर की कनिष्ठा यानी की छोटी उंगली पर तिल होता है। इस तरह के लोग चंचल व्यक्तित्व के होते हैं। यह ज्यादा समय तक एक की जगह पर नहीं टिक सकते। अगर लंबे वक्त तक ये कोई काम करते हैं तो बोर हो जाते हैं। इन्हें अपनी मर्जी से जिंदगी जीना पसंद होती है। दूसरों के दबाव में आना इन्हें पसंद नहीं होता है।
द्वारा – दीक्षा भानुप्रिया