भगवान दत्तात्रेय के साथ ही विष्णु जी और हनुमान जी की भी करें विशेष पूजा

भगवान दत्तात्रेय के साथ ही विष्णु जी और हनुमान जी की भी करें विशेष पूजा
भगवान दत्तात्रेय के साथ ही विष्णु जी और हनुमान जी की भी करें विशेष पूजा

अगहन यानी मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा मंगलवार, 26 दिसंबर को है। इस पूर्णिमा पर भगवान दत्तात्रेय प्रकट हुए थे, इस कारण इसे दत्त पूर्णिमा कहा जाता है। इस दिन भगवान दत्तात्रेय के साथ ही विष्णु जी, महालक्ष्मी, श्रीकृष्ण और हनुमान जी की भी विशेष पूजा जरूर करें।
ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, भगवान दत्तात्रेय के पिता ऋषि अत्रि और माता अनसूया थीं। मंगलवार पूर्णिमा होने से इस दिन हनुमान जी की भी विशेष पूजा करनी चाहिए। हनुमान जी की प्रतिमा पर चोला चढ़ाएं। धूप-दीप जलाएं, रामनाम का जप करें। जानिए पूर्णिमा पर कौन-कौन से शुभ काम किए जा सकते हैं… अगहन मास की पूर्णिमा पर पूजा-पाठ के साथ ही नदी में स्नान और जरूरतमंद लोगों को दान करने की भी परंपरा है। अगर नदी में स्नान नहीं कर पा रहे हैं तो घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं। स्नान करते समय पवित्र नदियों का और तीर्थों का भी ध्यान करना चाहिए। ऐसा करने से घर पर तीर्थ और पवित्र नदी में स्नान करने का पुण्य मिल सकता है। पूर्णिमा पर भगवान सत्यनारायण की कथा पढ़नी- सुननी चाहिए। भगवान सत्यनारायण को केले और हलवे का भोग लगाएं। धूप-दीप जलाकर आरती करें। भगवान की कथा सुनें। पूर्णिमा पर शिवलिंग पर तांबे के लोटे से जल चढ़ाएं। बिल्व पत्र और धतूरा चढ़ाएं। मिठाई का भोग लगाएं। धूप-दीप जलाएं और ऊँ नम शिवाय मंत्र का जप करें। अगहन पूर्णिमा पर सुबह जल्दी उठें और स्नान के बाद भगवान सूर्य को जल चढ़ाएं। गुड़ और तांबे के बर्तनों का दान करें। किसी मंदिर में पूजन सामग्री भेंट करें। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप बाल गोपाल का अभिषेक करें। पंचामृत चढ़ाएं और फिर जल से भगवान को स्नान कराएं। पंचामृत दूध, दही, घी, शकर और मिश्री मिलाकर बनाना चाहिए। स्नान कराने के बाद भगवान का पीले वस्त्र और हार- फूल से श्रृंगार करें। चंदन से तिलक लगाएं। माखन-मिश्री का भोग तुलसी के साथ लगाएं। धूप-दीप जलाकर आरती करें। पूजा-पाठ के साथ ही जरूरतमंद लोगों को भोजन जरूर कराएं। अनाज, कपड़े, जूते-चप्पल का दान करें। ईएमएस