स्वामी प्रेमानंद महाराज के अमृत वचन

स्वामी प्रेमानंद महाराज के अमृत वचन
स्वामी प्रेमानंद महाराज के अमृत वचन

ज्ञान बाँटने से बढ़ता है…. खुद की कमाई से कम खर्च हो ऐसी जिन्दगी बनाओ। दिन में कम से कम 3 लोगो की प्रशंसा करो। खुद की भूल स्वीकारने में कभी भी संकोच मत करो। किसी के सपनो पर हँसो मत। आपके पीछे खड़े व्यक्ति को भी कभी-कभी आगे जाने का मौका दो। रोज हो सके तो सूरज को उगता हुए देखें। खूब जरुरी हो तभी कोई चीज उधार लो। किसी के पास से कुछ जानना हो तो विवेक से दो पूछो। बार कर्ज और शत्रु को कभी बड़ा मत होने दो। स्वयं पर पूरा भरोसा रखो। प्रार्थना करना कभी मत भूलो, प्रार्थना में अपार शक्ति होती है। अपने काम से मतलब रखो। समय सबसे ज्यादा कीमती है, इसको फालतू कामों में खर्च मत करो। जो आपके पास है, उसी में खुश रहना सिखो। बुराई कभी भी किसी की भी मत करो, क्योंकि बुराई नाव में छेद समान है, बुराई छोटी हो बड़ी नाव तो डुबो ही देती है। हमेशा सकारात्मक सोच रखो। हर व्यक्ति एक हुनर लेकर पैदा होता है बस उस हुनर को दुनिया के सामने लाओ। कोई काम छोटा नहीं होता हर काम बड़ा होता है। जैसे कि सोचो जो काम आप कर रहे हो अगर वह काम आप नहीं करते हो तो दुनिया पर क्या असर होता ? सफलता उनको ही मिलती है जो कुछ करते हैं। कुछ पाने के लिए कुछ खोना नहीं बल्कि कुछ करना पड़ता है।