वकील देहाद्राई का दावा- महुआ ने रोलेक्स और फर्नीचर लिए

वकील देहाद्राई का दावा- महुआ ने रोलेक्स और फर्नीचर लिए
वकील देहाद्राई का दावा- महुआ ने रोलेक्स और फर्नीचर लिए

कैश फॉर क्वेरी मामले में कहा- पीएम मोदी के खिलाफ दिल्ली में भाषण लिखे गए

नई दिल्ली, एजेंसी। संसद में सवाल पूछने के बदले पैसे लेने (कैश फॉर क्रेरी) के मामले में सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहादाई ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद महुआ मोइत्रा पर नए आरोप लगाए हैं।

देहाद्राई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा- संसद में जो सवाल पूछे गए, वो दुबई में बनाए गए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपशब्द वाले भाषण दिल्ली के कैनिंग लेन में लिखे गए थे। देहाद्राई ने दावा किया कि संसद में सवाल पूछने के बदले महुआ ने 2 करोड़ कैश के अलावा रोलेक्स घड़ी और फर्नीचर भी लिए थे। उन्होंने लिखा- जब भूलने की बीमारी खत्म हो जाएगी, तो फर्नीचर और रोलेक्स को छोड़कर 2 करोड़ रुपए भी मिलेंगे। देहाद्राई ने टीएमसी सांसद को पैथोलॉजिकल लायर (जिसे झूठ बोलने की बीमारी हो) बताया। उन्होंने कहा- पैथोलॉजिकल लायर को बताना चाहिए कि संसद में पूछे जाने वाले सवाल मिस्ट्री टाइपिस्ट को कैसे भेजे गए।

महुआ ने पीएम मोदी पर देश बांटने का आरोप लगाया था महुआ ने 10 अगस्त को संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खिलाफ भाषण दिया था। मणिपुर हिंसा महुआ मे कहा था- पीएम मोदी हमारी नहीं सुनेंगे। वो तो लास्ट दिन आएंगे और आप सबकी धज्जियां उड़ाकर जाएंगे। महुआ ने भाषण के दौरान एक शायरी पढ़ी पीएम मोदी पर देश को बांटने का लगाया। टीएमसी सांसद ने कहा था जिस पापी को गुण नहीं गोत्र प्यारा है, समझो उसने ही हमें यहां मारा है। नफरतों की जंग में आप देखो क्या हो गया ? सब्जियां हिंदू हुई, बकरा मुसलमान हो गया।

क्या है पूरा मामला : भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने 15 अक्टूबर को लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को चिट्ठी लिखी थी । इसमें उन्होंने महुआ पर आरोप लगाए थे कि महुआ ने संसद में सवाल पूछने के लिए बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी से 2 करोड़ रुपए और महंगे तोहफे लिए थे। इस मामले को स्पीकर ने एथिक्स कमेटी को भेज दिया। निशिकांत ने 21 अक्टूबर को पर एक और गंभीर आरोप लगाया। महुआ निशिकांत ने सोशल मीडिया पर अपनी पोस्ट को में लिखा- कुछ पैसों के लिए एक सांसद ने देश की सुरक्षा को गिरवी रख दिया। मैंने के इसे लेकर लोकपाल से शिकायत की है। पर उन्होंने कहा कि दुबई से संसद की आईडी बात खोली गई, जबकि उस वक्त वो कथित बस सांसद भारत में ही थीं। इस नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर (एनआईसी) पर पूरी और भारत सरकार है। देश के प्रधानमंत्री, वित्त आरोप विभाग, केंद्रीय एजेंसी यहां हैं। क्या अब भी टीएमसी व विपक्षी दलों को राजनीति करनी है। निर्णय जनता का है। एनआईसी ने यह जानकारी जांच एजेंसी को दे दी है।