नई दिल्ली, एजेंसी। त्योहारों के पहले गेहूं की कीमतों में भारी उछाल देखने को मिल रहा है। फेस्टिव सीजन के चलते भारी मांग के मद्देनजर घरेलू बाजार में गेहूं के दाम 8 महीने के सबसे उच्चतम स्तर पर पहुंच गए हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि कीमतों में बढ़ोतरी पर लगाम लगाने के लिए सरकार अपने इंवेंटरी से और गेहूं खुले बाजार में जारी कर सकती है। साथ ही आने वाले विधानसभा चुनावों और लोकसभा चुनावों के मद्देनजर घरेलू बाजार में कीमतों पर नकेल कसने के लिए सरकार गेहूं के इंपोर्ट पर ड्यूटी को खत्म कर सकती है जिससे आयात को सस्ता किया जा सके। एक रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में गेहूं मंगलवार 17 अक्तूबर को 1.6 फीसदी के उछाल के साथ 27,390 रुपए प्रति मीट्रिक टन पर जा पहुंचा है जो 10 फरवरी 2023 के बाद सबसे उच्च कीमत है। पिछले 6 महीने में गेहूं के दामों में 22 फीसदी का उछाल आ चुका है। गेहूं की कीमतों में तेजी | जारी रही तो खुदरा महंगाई दर में बढ़ोतरी
देखने को मिल सकती हैं तो खाद्य महंगाई में तेजी आ सकती है क्योंकि गेहूं एक ऐसा अनाज है, जिससे कई तरह के खाद्य पदार्थ बनाए जाते हैं। अगर गेहूं की कीमत में बढ़ोतरी होती हैं तो स्वाभाविक सी बात है कि ब्रेड, रोटी, बिस्कुट और केक सहित कई खाद्य पदार्थ महंगे हो जाएंगे। सरकारी डेटा को देखें तो 17 अक्तूबर 2023 को गेहूं का औसत मुल्य 30.29 रुपए प्रति किलो पर जा पहुंचा है तो अधिकतम कीमत 58 रुपए प्रति किलो है, जो एक मई 2023 को गेहूं के नए फसल के बाजार में आने के बाद औसत मुल्य 28.74 रुपए प्रति किलो था तो अधिकतम कीमत 49 रुपए प्रति किलो था।
भारत सरकार ने गेहूं पर 40% इंपोर्ट ड्यूटी लगाई है
गेहूं के इंपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए आयात शुल्क खत्म करने की भी मांग हो रही है। फिलहाल सरकार गेहूं पर 40 फीसदी इंपोर्ट ड्यूटी लगाती है जिससे आयात बेहद महंगा है जिसके चलते ट्रेडर्स इंपोर्ट करने से कतराते हैं। एक अक्तूबर 2023 को सरकार के वेयरहाउस में 24 मिलियन मीट्रिक टन गेहूं का स्टॉक था जो पांच साल के औसत रहे 37.6 मिलियन मीट्रिक टन से बहुत कम है। वहीं जानकारों का मानना है कि अल नीनो के चलते रही रबी सीजन में गेहूं का उत्पादन प्रभावित हो सकता है