जनआक्रोश यात्रा में जनता की दूरी ने बढ़ाई कांग्रेस की चिंता

जबलपुर,मुख्य संवाददाता। भाजपा की जनआर्शीवाद यात्रा में भाजपा के बन रहे माहौल को देखते हुए जवाब में कांग्रेस द्वारा निकाली जा रही जनआक्रोश यात्रा में बिखरे संगठन के कारण एक ओर जहा जनता नहीं जुट पा रही है वहीं जनआक्रोश यात्रा में कांग्रेसियों द्वारा की जा रही नारेबाजी और विरोध प्रदर्शन ने प्रदेश नेतृत्व की नींद उड़ा दी है। जिले में सिहोरा सहित एक दो अन्य विधानसभा में जनआक्रोश यात्रा में अच्छी भीड़ उमड़ी लेकिन शहर में यात्रा में ज्यादा भीड़ नहीं जुटने से चर्चाओं का बाजार जरूर गर्म है। केण्ट विधानसभा में जंहा कांग्रेसियों ने जनआक्रोश यात्रा के दौरान बाहरी प्रत्याशी नहीं चलेगा की नारेबाजी कर हंगामा कर दिया और यात्रा में मौजूद वरिष्ठ कांग्रेस नेता अजय सिंह राहुल को हस्तक्षेप करना पड़ा और कांग्रेसियों की अनुशासनहीनता का गुस्सा श्री राहुल ने मीडिया वालों पर उतारते हुये रथ से मीडिया कर्मियों को नीचे उतरवा दिया। इसके बाद यात्रा जब पनागर विधानसभा के महाराजपुर पहुंची तो वहा मौजूद कांग्रेसियों ने जिला ग्रामीण अध्यक्ष के खिलाफ नारेबाजी की जनआक्रोश यात्रा फीकी- फीकी रहने से यह तय हो गया कि बिना कोई रणनीति और मैनेजमेंट के यात्रा का आयोजन किया गया इससे कांग्रेसी जनता को अपनी और नहीं खींच पाये। इसके अलावा संगठन कमजोर होने के कारण भी यात्रा से आम जनता दूर रही। ऐसे नेता को बुलाया गया जो खुद चुनाव नहीं जीत पाये- बताया जाता जिले में जनआकोश यात्रा में अजय सिंह राहुल के नेतृत्व में निकाली गई जबकि श्री राहुल खुद विधानसभा चुनाव हार गये और अभी प्रदेश में वे कोई खास कद नहीं बना पाये है ऐसे में स्थानीय वरिष्ठ नेता श्री राहुल को वैसा वजन नहीं देते जैसा वरिष्ठ नेताओं को दिया जाना चाहिए। यहां उनके ज्यादा खास समर्थक भी नहीं है। कांग्रेसियों का कहना है कि जनआक्रोश यात्रा में स्थानीय नेताओं को कोई जवाबदारी भी नहीं दी गई। जबकि भाजपा की अनआशीर्वाद यात्रा जिस-जिस विधानसभा से गुजरी वंहा के दावेदार या प्रत्याशी को रथ में चढ़ने का मौका दिया गया लेकिन जनआक्रोश यात्रा में ऐसा नहीं हुआ। एक विधानसभा में जरूर वहा के विधायकों को और प्रत्याशी को रथ पर सवार होने का मौका मिला। दूसरी ओर पूरी जनआक्रोश यात्रा में संगठन कहीं नजर नहीं आया। कांग्रेसियों का कहना है कि यदि कांग्रेस में ऐसी ही मनमानी चलती रही तो आने वाले विधानसभा में कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ सकता है। कुल मिलाकर भाजपा के जन आशीर्वाद यात्रा के मुकाबले कांग्रेस की जनआकोश यात्रा फुस्स ही साबित हुई। इसके पीछे एक वजह अभी तक प्रत्याशियों की घोषणा न करना भी बताई जा रही है।